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Relationship

​इंसान को इंसान उसके अंदर की भावनाएं बनाती है। प्यार, डर, खुशी, गम, लालच जैसी तमाम इमोशन के आधार पर ही हमारा पूरा व्यक्तित्व निर्भर करता है। आप कैसे व्यक्ति हैं, यह उन भावनाओं पर आधारित होता है, जो आप सबसे ज्यादा जाहिर करते हैं। हालांकि यह माना जाता है, कि इमोशन को छिपाया जा सकता है, लेकिन वास्तव में ऐसा करना संभव नहीं है

 आपके एक्शन के जरिए दिखने वाले ये इमोशन वास्तव में बहुत ताकतवर होते हैं। इसे सही तरह से बैलेंस न किया जाए तो यह आपको कमजोर बना सकते हैं। कभी-कभी यह आपको ही आपके खिलाफ खड़ा कर देते हैं, जिसे इमोशनली वीकनेस कहा जाता है। ऐसे में दूसरे व्यक्ति भी आपके इमोशन का फायदा उठा सकते है

हार्वर्ड से प्रशिक्षित मनोवैज्ञानिक डॉ. कॉर्टनी एस. वारेन, ने हाल ही में ऐसे कई शब्दों की एक लिस्ट जारी की है, जिसकी मदद से आप चेक कर सकते हैं, कि आप इमोशनली सिक्योर है या नहीं। साथ ही इसे फॉलो करके अपने इमोशन को बेहतर तरीके से बैलेंस कर सकते हैं। ऐसा करके आपक केवल खुद की पर्सनालिटी में ही नहीं बल्कि अपने रिश्तों में भी सकारात्मक बदलावों को देखते हैं।

अभी मैं इस बारे में कुछ नहीं कह सकता, मुझे थोड़ा समय चाहिए

अभी मैं इस बारे में कुछ नहीं कह सकता, मुझे थोड़ा समय चाहिए

कई बार जल्दबाजी में जवाब देने के चक्कर में हम ऐसा कुछ बोल जाते हैं, जिसे कहने का दुख हमेशा के लिए मन में रह जाता है। लेकिन भावनात्मक रूप से सुरक्षित लोग जानते हैं, कि खुद को अच्छी तरह से व्यक्त कैसे करते हैं। इसके लिए वह दूसरों को ध्यान से सुनते हैं और उसके अनुसार अपनी प्रतिक्रिया को सावधानी से चुनते।

नहीं

नहीं

ज्यादा भावुक या इमोशनल व्यक्ति किसी को जल्दी 'न' नहीं बोल पाता है, भले ही दिनभर उसे इसका पछतावा क्यों न हो। जबकि भावनात्मक रूप से सुरक्षित लोग अपने फैसलों को दूसरों के इमोशन के आधार पर नहीं लेते हैं। वे इस बारे में स्पष्ट होते हैं कि वे अपने नैतिक सिद्धांतों, आवश्यकताओं और इच्छाओं के आधार पर क्या करेंगे और क्या नहीं करेंगे। और इसके लिए वह बहुत प्यार से दूसरों की बातों को ना करते हैं।

मुझे ऐसा बिहेवियर नहीं पसंद

मुझे ऐसा बिहेवियर नहीं पसंद

एक इमोशनली सिक्योर व्यक्ति हमेशा अपनी जरूरतों को सम्मानजनक तरीके से दूसरों को बताता है। वे बताते हैं कि जब कोई उनके साथ बुरा व्यवहार करता है तो उन्हें कैसा महसूस होता है। अगर उन्हें लगता है कि उनकी सीमाओं का उल्लंघन हो रहा है, तो वे इसे तुरंत रोकने के लिए एक्शन लेने में भी नहीं कतराते हैं।

हमेशा याद रखें आपकी बेइज्जती की छूट आप दूसरों को खुद देते हैं। यहां तक कि रिलेशनशिप में भी आपको अपने पार्टनर को यह जरूर बताना चाहिए कि आप कैसा व्यवहार बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे।

मैं ऐसा ही हूं, और मुझे इसमें कोई शर्म नहीं

मैं ऐसा ही हूं, और मुझे इसमें कोई शर्म नहीं

मजबूत भवनाओं वाले लोग खुद के बारे में बहुत श्योर होते हैं। इससे उनके दोस्त और करीबी लोग भी काफी सिक्योर महसूस करते हैं, क्योंकि उन्हें पता होता है, कि यह क्या और क्यों कर रहा है।

इस तरह के व्यक्ति को अपनी बातों में फंसाना और फायदा उठाना बहुत मुश्किल काम होता है। क्योंकि यह अपनी ताकत को और अपनी सच्चाई को पहचानते हैं। और इसे गर्व से अपनाते हैं।

सच में.. क्या मैं ऐसा हूं?

सच में.. क्या मैं ऐसा हूं?

यदि आप दूसरों की खरी-खोटी बातों को दिल से लगा लेते हैं, तो कोई भी आपका दिल दुखा सकता है। इसलिए अपने इमोशन को मजबूत बनाने के लिए उनकी बातों से अपने काम की चीजों को खोजना शुरू करें, जो आपको एक बेहतर इंसान बनने में मदद करे।

क्योंकि भावनात्मक रूप से सुरक्षित लोग आलोचना पर विचार किए बिना विचार करने में सक्षम होते हैं। अगर उन्हें नकारात्मक प्रतिक्रिया मिलती है, तो वे इसे व्यक्तिगत रूप से नहीं लेते हैं। इसके बजाय, वे इसे आत्म-सुधार के अवसर के रूप में देखते हैं।

क्या तुम्हें कोई मदद की जरूरत है

क्या तुम्हें कोई मदद की जरूरत है

भावनात्मक रूप से सिक्योर या सुरक्षित व्यक्ति कभी भी किसी की मेहनत करने से पीछे नहीं हटता है। वह अपने सभी रिश्तों में एक सपोर्ट सिस्टम की तरह होता है।

दरअसल, इस तरह के लोगों में दूसरे की फीलिंग्स को समझने की समझ होती है, साथ ही यह दूसरों को उनकी असफलताओं से जज नहीं करते हैं। ऐसे व्यक्ति बिना किसी लालच और डर के आपको अपने जीवन में बेहतर करने के लिए, मुसीबत से निकलने के लिए मदद करने को हमेशा तैयार रहते हैं।

मैं इसे सुधारने की कोशिश करूंगा

मैं इसे सुधारने की कोशिश करूंगा

अपने रिश्तों को मजबूत बनाने के लिए और इसे टूटने से बचाने के लिए एडजस्टमेंट जरूरी है, जिसे इमोशनली सिक्योर व्यक्ति बखूबी करना जानते हैं। वह समझते हैं, कि एक-दूसरे के साथ रहने के लिए अपनी कुछ आदतों में सुधार करना गलत नहीं है। वह ऐसे बदलावों से नहीं डरते जिनसे उनके रिश्ते और पर्सनालिटी बेहतर हो सकती है।

ऐसे व्यक्ति अपने पार्टनर की फीलिंग्स का ध्यान रखते हैं, और अपनी कमियों को सुधारने की कोशिश करते है, बजाय इसे सही साबित करने के।

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