शेख चिल्ली बहुत ही गरीब परिवार से था। वह पढ़ाई-लिखाई में भी बहुत कमजोर था। अगर वो किसी चीज में माहिर था, तो वो था दिन भर बस खेल-खूद करना। अपना सारा समय वह मोहल्ले के लड़कों के साथ कंचे खेलने में बिता देता था। इसी तरह उसका पूरा बचपन बीत गया। धीरे-धीरे वह बड़ा होता चला गया लेकिन उसकी आदतें नहीं बदली।
एक दिन शेख चिल्ली अपने दोस्तों के साथ जंगल में घूमने गए। वहां जाते ही उन्होंने एक बड़े पेड़ के नीचे एक छोटी सी खोपड़ी देखी। उन्होंने खोपड़ी खोली और उसमें सात सुंदर परियों को देखा। परियां उनके सामर्थ्य की परीक्षा लेने यहां आई थीं।
एक परी ने कहा, "शेख चिल्ली, हम तुम्हें एक वरदान देने के लिए यहां आई हैं। हम तुम्हें सात वरदान देंगी, पर याद रखो, तुम्हें इनका सबसे अच्छा उपयोग करना चाहिए।"
शेख चिल्ली को बहुत खुशी हुई और वह आश्चर्यचकित हो गए। उन्होंने सोचा, "मुझे इतने सारे वरदान मिलने वाले हैं! अब मैं कुछ भी मांग सकता हूँ।"
पहली परी ने कहा, "शेख चिल्ली, मैं तुम्हें एक अस्तित्वशक्ति देती हूँ, जिससे तुम चाहें तो किसी भी जगह तुरंत पहुंच सकते हो।"
दूसरी परी ने कहा, "मैं तुम्हें एक अद्भुत बुद्धिमत्ता देती हूँ, जिससे तुम हमेशा सचेत रहोगे और सही निर्णय ले सकोगे।"
तीसरी परी ने कहा, "मैं तुम्हें अद्वितीय रचनात्मकता देती हूँ, जिससे तुम विचारों को रूपांतरित करके किसी भी समस्या का समाधान निकाल सकोगे।"
इसी तरह, छठी, सातवीं और आठवीं परी ने भी अपने-अपने वरदान दिए।
शेख चिल्ली खुशी और उत्साह से भर गए और सभी परियों को धन्यवाद दिया। अब उन्हें लगा कि वे दुनिया के सबसे बुद्धिमान और शक्तिशाली आदमी बन जाएंगे।
कुछ दिनों बाद, शेख चिल्ली को गांव में एक समस्या का सामना करना पड़ा। वह अपनी नई बुद्धिमत्ता का उपयोग करके इस समस्या का हल निकालने की कोशिश करने लगे। परंतु उन्हें समस्या का समाधान नहीं मिला।
फिर उन्होंने अपनी रचनात्मकता का उपयोग करके समस्या को हल करने की कोशिश की, लेकिन वह भी असफल रही।
शेख चिल्ली ने अपनी अस्तित्वशक्ति का उपयोग करके कई जगह जाने की कोशिश की, परंतु उसे समस्या का समाधान नहीं मिला।
इसके बाद शेख चिल्ली ने समय और समस्या के सामर्थ्य पर विचार किया और समझा कि समस्या का हल उसे खुद ही ढूंढ़ना होगा। वह अपने आप को गांव के लोगों की सहायता करते हुए पाया और समस्या का समाधान निकालने में सफल रहा।
इस घटना से शेख चिल्ली को एक महत्वपूर्ण सबक सिखने का मौका मिला। उन्हें यह समझ में आया कि शक्तियों का उपयोग करना महत्वपूर्ण है, लेकिन विचारशक्ति, समय का मूल्य समझना, और समस्या को सही तरीके से समझने का भी बहुत महत्व है।
इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि बुद्धिमानी और समय का समय आपको बहुत सारी समस्याओं का समाधान निकालने में मदद कर सकती हैं। भले ही शेख चिल्ली भोले और मूर्ख दिखते हों, लेकिन उनके पास संवेदनशीलता और मनोबल की अनोखी शक्ति थी, जिसने उन्हें समस्याओं का समाधान निकालने में सफलता दिलाई।
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